IPL 2025 Latest Update :-
देवदत्त पडिक्कल, जो भारतीय क्रिकेट जगत के उभरते सितारे माने जाते हैं, अब एक नई चुनौती का सामना कर रहे हैं। 2025 के आईपीएल मेगा ऑक्शन में उनकी उम्मीदें आकाश छूने वाली थीं, लेकिन इस बार उनका किस्मत का सितारा मद्धम पड़ा। उनका बेस प्राइस 2 करोड़ रुपये था, लेकिन पहले राउंड में कोई टीम उन्हें खरीदने के लिए तैयार नहीं हुई।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!देवदत्त पडिक्कल की उपलब्धियां :-
यह उन खिलाड़ियों में से एक थे, जिनके नाम के साथ भारतीय टीम का भी इतिहास जुड़ा है, फिर भी उन्होंने नीलामी में कोई भाग्य नहीं देखा। हालांकि, देवदत्त का आईपीएल करियर पहले बहुत ही शानदार रहा है, विशेषकर 2020 और 2021 में,

जब उन्होंने आरसीबी (रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर) के लिए खेलते हुए 29 मैचों में 884 रन बनाए थे। उनके खेल की स्टाइल को देखते हुए उन्हें मिडिल ऑर्डर में किसी भी टीम का मजबूत स्तंभ माना जाता था,और उनके पास राजस्थान रॉयल्स, लखनऊ सुपर जायंट्स जैसे बड़े फ्रेंचाइजी के साथ खेलने का अनुभव भी था।
देवदत्त पडिक्कल कि आगे की स्थिति:-
इस अनुभव को देखते हुए शायद उन्हें दूसरे राउंड में खरीदा जाए, क्योंकि एक छोटे से रन के साथ भी उनका प्रदर्शन काफी प्रभावशाली रहा था। लेकिन अब जो स्थिति सामने आई है, वह आश्चर्यचकित करने वाली है। उनका पिछले सीजन में प्रदर्शन अपेक्षाकृत खराब रहा, जिसमें उन्होंने 7 मैचों में केवल 38 रन बनाए थे। यही कारण हो सकता है कि उनकी फॉर्म के बावजूद किसी फ्रेंचाइजी को 2 करोड़ रुपये की कीमत में उनका भविष्य देखने का साहस नहीं हुआ। इस विपरीत परिस्थिति ने एक नया सवाल उठाया है: क्या एक स्टार खिलाड़ी की अस्थायी नाकामी उसे अगले मौके के लिए बिल्कुल ही हाशिए पर डाल देती है? देवदत्त के जैसे खिलाड़ियों के लिए यह समय चुपचाप सीखने और अपनी ताकत को फिर से आकार देने का हो सकता है, लेकिन यह निश्चित रूप से उनके मानसिक संघर्षों को भी उजागर करता है।
कितना हद तक विडंबनात्मक था देवदत्त पडिक्कल का आईपीएल 2025 नीलामी में अनसोल्ड होना :-
जो अब तक के आईपीएल इतिहास के सबसे बड़े और प्रभावशाली खिलाड़ियों में गिना जाता था, अचानक ओवर टीम इंडिया से बाहर , उसके बाद अचानक से इस प्रकार का अवरोध कितना अप्रत्याशित था। , पडिक्कल के आईपीएल 2025 नीलामी के पहले दौर में न बिकने का सवाल उठाता है – जब एक खिलाड़ी पिछले सीज़न में शानदार प्रदर्शन करता है, तो उसकी उम्मीदों में एक निरंतरता होती है। न केवल कठिनाइयों का सामना करता है, बल्कि वह परिपक्वता का संकेत भी देता है। लेकिन नीलामी में उनकी “किस्मत” ने ऐसा अचानक मोड़ लिया, जो जैसे ही समाप्त हो, वैसे ही गायब हो जाए। देवदत्त का यह पूरा सफर एक जटिलताओं से भरा हुआ था। मानो एक अचानक उभरी परछाई जैसा प्रतीत हो, जो उनकी वास्तविक क्षमता को छुपा कर चली गई हो। जहां हर एक को अपने स्थान की कीमत चुकानी होती है, क्या यह अनसोल्ड रहना देवदत्त के लिए कुछ और नहीं बल्कि एक और शिखर पर चढ़ने की खामोशी नहीं थी और शायद दूसरे दौर में उनका मूल्यांकन नई दृष्टि से किया जाए, मगर जो जटिलता इस समय उत्पन्न हुई |

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